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संधि
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जब दो शब्द मिलते हैं तो पहले शब्द की अंतिम ध्वनि और दूसरे शब्द की पहली ध्वनि आपस में मिलकर जो परिवर्तन लाती हैं उसे संधि कहते हैं |
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स्वर संधि
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दीर्घ संधि
- पुस्तक +आलय = पुस्तकालय
विद्या+अर्थी = विद्यार्थी
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गुण संधि
- नर + इंद्र + नरेंद्र
सुर + इन्द्र = सुरेन्द्र
- वृद्धि संधि
- गुण संधि
- अयादि संधि
- गुण संधि
- व्यंजन संधि
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समास
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दो या दो से अधिक पदों के साथ प्रयुक्त विभक्ति चिह्नों या योजक पदों या अव्यय पदों का लोप कर नए पद की निर्माण प्रक्रिया को समास कहते हैं।
- अव्ययीभाव समास
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तत्पुरुष समास
- सत्याग्रह = सत्य के लिए आग्रह
भयभीत = भय से भीत
- कर्मधारय समास
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द्वन्द्व समास
- माता-पिता = माता और पिता
राम-कृष्ण = राम और कृष्ण
- बहुव्रीहि समास
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द्विगु समास
- सप्तदीप = सात दीपों का समूह
त्रिभुवन = तीन भुवनों का समूह
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अर्थ के आधार पर वाक्य भेद
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किसी वाक्य में सूचना, निषेध, संदेह, की भावना, आज्ञा का बोध, विस्मय का भाव प्रस्तुत होने पर वाक्य के अर्थ के आधार पर वाक्य के भिन्न-भिन्न प्रकार होते हैं।
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विधानवाचक वाक्य
- भारत एक देश है।
राम के पिता का नाम दशरथ है।
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निषेधवाचक वाक्य
- मैंने दूध नहीं पिया।
मैंने खाना नहीं खाया।
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प्रश्नवाचक वाक्य
- भारत क्या है?
राम के पिता कौन है?
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विस्म्यादिवाचक वाक्य
- ओह! कितनी ठंडी रात है।
बल्ले! हम जीत गये।
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आज्ञावाचक वाक्य
- शांत रहो।
कृपया शांति बनाये रखें।
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इच्छावाचक वाक्य
- भगवान तुम्हेँ दीर्घायु करे।
नववर्ष मंगलमय हो।
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संकेतवाचक वाक्य
- राम का मकान उधर है।
सोनु उधर रहता है।
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संदेहवाचक वाक्य
- वह शायद कल मेरे घर आए।
सम्भवतः बरसात हो।