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वर्ण विचार
- त्र – त् + र (त् + र् + अ)
- शुद्ध = श् + उ + द् + ध् + अ
- संचार = स् + ञ् + च् + आ + र् + अ
- निश्चित = न् + इ + श् + च् + इ + त् + अ
- वर्ण विचार : बोलते समय हम जिन ध्वनियों का उच्चारण करते हैं वही ध्वनियाँ वर्ण या अक्षर कहलाती हैं। वर्ण भाषा की सबसे छोटी इकाई है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि वर्ण उस ध्वनि को कहते हैं जिसके और टुकड़े नहीं किए जा सकते।
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सर्वनाम: संज्ञा के स्थान पर आने वाले शब्दों को सर्वनाम कहते हैं। जैसे: तुम, हम, आप, उसका, आदि I
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पुरूषवाचक सर्वनाम
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उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम
- मैंने, मुझको, मुझसे, हमको, हमने आदि।
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मध्यम पुरूषवाचक सर्वनाम
- ‘तू’ तथा ‘आप’
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अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम
- ‘यह’ एवं ‘वह’
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निश्चयवाचक सर्वनाम
- यह , वह , ये , वे
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अनिश्चयवाचक सर्वनाम
- कोई , कुछ
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प्रश्नवाचक सर्वनाम
- कौन ,क्या , किसकी
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संबंधवाचक सर्वनाम
- जो , सो , जैसा , वैसा
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निजवाचक सर्वनाम
- आप , स्वयं
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सर्वनाम
- मुझे संगीत बहुत पसंद है।
- वह कल माँ के साथ बाजार जाएगी।
- उसने मुझे फोन किया था।
- मेरे पास एक बुक है।
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विशेषण : संज्ञा या सर्वनाम शब्दों की विशेषता बताने वाले शब्दों को विशेषण कहते हैं।
- गुणवाचक विशेषण
- संख्यावाचक विशेषण
- परिमाणवाचक विशेषण
- सार्वनामिक/संकेतवाचक विशेषण
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विशेषण
- उसका मकान बहुत ऊँचा है।
व्याख्या :- यहां मकान की विशेषता ऊँचा होना है।
- सुरेश की कमीज बहुत सुंदर है।
व्याख्या :- कमीज की सुंदरता के बारे मे बता रहे है ।
- मैदान में पाँच लङके खेल रहे है।
व्याख्या :- पाँच निश्चित संख्या का बोध करवा रहे हैं ।