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"आँख" शब्द के प्रयोग से बने मुहावरे
- आँखें फेर लेना (बदल जाना)
- आँखों से ओझल होना ( दूर जाना )
- आँखें दिखाना (डराना)।
- सिर आँखों पर रखना (आदर सहित आज्ञा मानना)।
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आँखे चुराना (मिलने से बचते फिरना )।
- आँखों में खटकना ( बुरा लगना )।
- आँखे पथरा जाना ( इन्तजार करते करते थक जाना )।
- आँख का तारा ( बहुत प्यारा )।
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"मुँह" शब्द के प्रयोग से बने मुहावरे
- मुहँ की खाना ( हार जाना )
- मुहँ फुलाना ( नाराज होना )
- ऊँट के मुहँ में जीरा ( बहुत खाने वाले को कम भोजन )
- मुँह खोलना ( माँग करना)
- मुँह छिपाना (लज्जित होना)
- मुँह उतरना (उदास होना)
- मुँह पकड़ना (बोलने से रोकना)
- मुँह पर कालिख लगना (कलंकित होना)
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"कान" शब्द के प्रयोग से बने मुहावरे
- कान भरना (चुगली करना)
- कान पर जूं न रेंगना ( तनिक भी असर न होना )
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कान पकड़ना ( माफी मांगना )
- कानों-कान ख़बर न होना ( किसी को पता न चलना)
- कान का कच्चा ( शक्की स्वभाव का होना )
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कान में रस घोलना ( मधुर गीत-संगीत सुनकर दिन खुश हो जाना )
- कान में तेल डालना ( किसी बात को अनसुनी कर देना)
- कान खड़े होना ( सावधान/चौकन्न हो जाना )
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साधारण बोलचाल में प्रयुक्त होने वाले मुहावरे
- काला अक्षर भैंस बराबर ( बिलकुल अनपढ़ )
- खोदा पहाड़ निकली चुहिया ( बहुत प्रयत्न के बाद कम लाभ होना )
- आँखों में धूल झोंकना (धोखा देना)
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अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना (अपनी प्रशंसा स्वयं करना)
- कोल्हू का बैल (लगातार काम करना)
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अक्ल का दुश्मन ( मूर्ख )
- खून पसीना एक करना (कड़ी मेहनत करना )
- खाक छानना ( भटकना )